दोआबा, अंक- 14.



बदलते चेहरों का कोलाज

अवधेश अमन: इन दिनों
उपेन्द्र महारथी: एक कलाकार की अविराम यात्रा
महासुंदरी देवी: रेखाओं का विज्ञान
आनंदी प्रसाद बादल: स्त्रियों के चेहरे और मछली-सी आंखें
कई-कई चेहरे: स्त्री कलाकारों की सृजनशीलता
संजय कुमार: ऊर्जस्वी कला
शैलेंद्र: छायाकार की आंखें
अवधेश मिश्र
पाण्डेय सुरेन्द्र: परंपरा का विस्तार
राजीव नयन: सकारात्मक अंकन की प्रक्रिया
प्रयाग शुक्ल: नरेन्द्र के नये चित्र
विवेक फडनीस
जयशंकर मिश्र: प्रयोग की दिशा
भुवनेश्वर भास्कर
अमरेश कुमार: आकार की खोज
मिलन दास: पल-पल का अहसास
कैलास दहिया
भुवनेश्वर भास्कर: कला से एकाकार
रंजन राय
सुमन प्रसाद मेहता: रेखाओं का खेल
अनिल कुमार सिन्हा
अशोक तिवारी: संवेदना की आंच
विजय चन्द्र प्रसाद: तकनीक का मर्म
मनोज कुमार बच्चन
सचिन्द्र नााथ झा: स्मृति में गांव
अनिल बिहारी: दर्शकों से संवाद
संतोष सुमन
अनिल कुमार सिन्हा: अनुभूति का दायरा
दिनेश दिवाकर
राजेश कुमार राम: लकीरों में व्यंग्य
उदय पंडित: जीवों का रिश्ता
अशोक कुमार सिंह
संजीव किशोर गौतम: रेखाओं में सादगी

दरीचा
अशोक कुमार प्रियदर्शी: युग बदला

कविता
सविता सिंह / किरण अग्रवाल / कुमार प्रशांत

कहानी
मनमोहन सरल / मंगलमूर्ति

बहस/समीक्षा/संवाद
खतरों से दोचार हिंदी: अमरनाथ
सच का कोई नेपथ्य नहीं होता: अवध बिहारी पाठक
सूर्यबाला / मुशरर्फ़ आलम जौकी/ कुमार प्रशांत / आबिद सुरती / कनक / मृदुला शर्मा / कुमार दिनेश प्रियमन

वीथिका

- संपादक: जाबिर हुसेन
247 एम आई जी, लोहियानगर
पटना- 800 020,
फोन - 0612 2354077.