’दोआबा’ समय से संगत- अंक- 9


इस अंक में:

आत्मगत
मधुरेश : पिता की दुनिया

कविता
नीलाभ, किरण अग्रवाल, अरविंद श्रीवास्तव, राधेलाल बिजधावने, हुस्न तबस्सुम ‘निहां’

उपन्यास अंश
नरेन्द्र नागदेव: एक स्विच था भोपाल में

कहानी
रोहिताश्व: देह का अनहद राग / विनोद रिंगानिया: इज़्ज़त / नरेश कुमार ‘उदास’: यहां तुम्हारा कोई नहीं

संवाद
प्रेम शशांक: अकारण नहीं है यह भ्रम / रणजीत पांचाले: राधेश्याम कथावाचक / संजीव ठाकुर: दोस्ती का पुल / नरेन्द्र पुण्डरीक: जनता का रंग सारे रंगों से ऊपर / श्यौराजसिंह बेचैन: दलित चेतना के दायरे / सुरेश पंडित: सब कुछ ठीक नहीं है / प्रभा दीक्षित: मेरी वोल्टसन क्राफ्ट / इला कुमार: मन के बिंब / दिलीप मंडल: लोकतंत्र, चुनाव और मीडिया

नज़रिया: मनमोहन सरल, मनोज मोहन, आबिद सुरती, विशाल और प्रगतिशील आकल्प।
दोआबा,
संपादक: जाबिर हुसेन
संपर्कः 09431602575., 09868181042.